भारत की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली गेहूँ की ये 3 किस्मे, कर देगी किसानो को मालामाल, जानिए इन किस्मों के बारे में

Wheat Best Variety: भारत की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली गेहूँ की ये 3 किस्मे, कर देगी किसानो को मालामाल, जानिए इन किस्मों के बारे में। भारतीय गेंहू एवं जौ अनुसंधान केंद्र ने तैयार की 3 नई DBW 296, DBW 332, DBW 327 किस्में, जानें इनकी खेती के बारे में।

अन्य गेहूँ की किस्मों की तुलना में ज्यादा पैदावार देती है यह किस्मे

किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार दोनों योजना भी चला रही है। किसानों की आय में इजाफा करने की दिशा में ‘भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान’ की तरफ से गेहूं की तीन नई किस्में विकसित की गई हैं। गेहूं की ये किस्में अन्य किस्मों की तुलना में अर्थ के दृष्टिकोण से उपयोगी मानी जा रही है। गेहूं की ये किस्में किसान भाइयों को अच्छा मुनाफा अर्जित करने में उपयोगी रहेंगी।

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विस्तार से जानिए गेहूँ की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली 3 किस्मो के बारे में

गेहूं की इन नई किस्मों के बारे में विस्तार से जानने से पहले आप यह जान लीजिए कि ‘भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान’ की तरफ गेहूं की तीन नई किस्में विकसित की गई है। जिसमें डीबीडब्ल्यू 296 (DBW-296), डीबीडब्ल्यू 327 (DBW-327) और डीबीडब्ल्यू 332 (DBW 332) किस्म शामिल हैं।

डीबीडब्ल्यू 296 (DBW-296)

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गेहूं की यह किस्म बिस्किट बनाने के लिहाज से काफी उपयोगी मानी जा रही है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें गर्मी को सहन करने की असीम क्षमता है। किसान साथी इसकी खेती कर अच्छा मुनाफा आर्जित कर सकते हैं। बाजार में सदैव इसकी मांग रहती है। इसका औसत उत्पादन प्रति हैक्टेयर 56.1 क्विटल से 83.3 क्विटल तक है।

डीबीडब्ल्यू 332 (DBW 332)

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इस किस्म की सबसे खास बात यह है कि इसमें अन्य किस्मों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्याद है। इसमें प्रोटिन और आयरन भी अन्य किस्मों की तुलना में अधिक मात्रा में पाई जाती है। इसका प्रति हैक्टेयर औसत उत्पादन 78.3 क्विटल से लेकर 83 क्विटल तक आंका गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में किसान साथी 2022 रबी सीजन में भारी मात्रा में खेती कर सकते है।

डीबीडब्ल्यू 327 (DBW-327)

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इस किस्म की सबसे खास बात यह है कि इसका उपयोग चपाती बनाने के लिए किया जाता है। बाजार में इसकी मांग सदैव रहती है। यह अन्य किस्मों की तुलना में अधिक पैदावार करती है। यह पोट्रिनयुक्त मानी जाती है। अर्थ के लिहाज से भी यह किस्म किसानों के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है।

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