क्या क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को स्टीव स्मिथ को कप्तान के रूप में बहाल करना चाहिए? जानिए हर कोई इसकी मांग क्यों कर रहा है
स्टीव स्मिथ बतौर टेस्ट कप्तान: ऑस्ट्रेलिया ने इंदौर टेस्ट में भारत को 9 विकेट से हराया। इस जीत के बाद कंगारू टीम आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच गई है। वहीं, फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को अब आखिरी टेस्ट मैच के नतीजे का इंतजार करना होगा। अगर टीम इंडिया चौथा मैच जीत जाती है तो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उसकी जगह पक्की हो जाएगी। वहीं, तीसरे टेस्ट में भारत के खिलाफ जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया के कार्यवाहक कप्तान स्टीव स्मिथ की जमकर तारीफ हो रही है।पैट कमिंस की गैरमौजूदगी में स्टीव स्मिथ टीम की कमान संभालते हुए अपनी टीम को जीत दिलाने में कामयाब रहे. ऑस्ट्रेलिया ने इंदौर टेस्ट जीतकर सीरीज में वापसी की है। वहीं कई क्रिकेट जानकारों का मानना है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को स्टीव स्मिथ को नियमित टेस्ट कप्तान बनाना चाहिए.
स्मिथ को कप्तान क्यों बनाया जाए
अगर कोई स्टीव स्मिथ की टेस्ट कप्तान के रूप में पैट कमिंस से तुलना करता है, तो दोनों के बीच बहुत अंतर है। स्मिथ ने कई सालों तक ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की है। उन्हें माइकल क्लार्क के स्थान पर कंगारू टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। उन्होंने इंदौर टेस्ट से पहले 36 मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की।
स्मिथ बतौर टेस्ट कप्तान ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। पैट कमिंस और उनकी कप्तानी में बड़ा अंतर है। जहां कमिंस का रवैया रक्षात्मक है, वहीं स्मिथ आक्रामक रुख अपनाते हैं। यही वजह है कि कुछ लोग उन्हें नियमित टेस्ट कप्तान बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। अगर स्मिथ साल 2018 में बॉल टेंपरिंग विवाद में नहीं फंसे होते तो आज वो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान होते.
स्मिथ बतौर टेस्ट कप्तान
स्मिथ ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान के रूप में बहुत सफल रहे। उन्हें 2014 में माइकल क्लार्क की जगह ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट कप्तान नियुक्त किया गया था। उनके टेस्ट कप्तानी के आंकड़े अब तक प्रभावशाली रहे हैं। उन्होंने 37 टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी की है। इस दौरान स्मिथ ने 21 टेस्ट जीते और 10 मैच हारे। जबकि उनकी कप्तानी में 6 टेस्ट ड्रॉ रहे थे। स्मिथ का टेस्ट जीत प्रतिशत 56.75 है।