RSS ने लिया फैसला, अब महिलाएं को भी करेगा शामिल!

हरियाणा के ऐतिहासिक पानीपत शहर में राष्ट्रिय स्वयमसेवक संघ RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय वैठक का आज आखिरी दिन है. रविवार को शुरू हुई इस वैठक में कई अहम प्रस्ताव पारित किये गये हैं. बैठक में संघ की शाखाओं को बढ़ने, समाज तोड़ने वाली ताकतों को नाकाम करने, महिलाओं को सीधे शाखा से जोड़ने जैसे मुद्दों पर अहम् प्रस्ताव पारित हुए. मंगलवार को बैठक के आखिरी दिन सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने संघ के एजेंडे को मीडिया के सामने रखा.

1400 से ज्यादा पदाधिकारी शामिल
संघ ने अपने स्वयंसेवकों को अलगाववाद और देश विरोधी ताकतों के खिलाफ डटकर मुकाबला करने का संकल्प दिलाया है. हरियाणा के पानीपत में चल रही RSS की बैठक का आज आखिरी दिन है. तीन दिन तक चले इस मंथन में संघ ने सामाजिक समरसता, धार्मिक सद्भाव और महिलाओं की संघ के कार्यों में एंट्री को लेकर चर्चा किया है. संघ की सबसे बड़ी गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत संघ से जुड़े सभीसंगठनों के 1400 से अधिक पदाधिकारी शामिल हुए, जहाँ संगठन की गतिविधियों के पूरे सालभर का लेखाजोखा रखने के साथ ही अगले एक साल के प्लान पर चर्चा की गयी.

क्या कहा गया है संघ के संकल्प में?
RSS के संकल्प में कहा गया है, ‘कुछ ताकतें समाज में आपसी अविश्वास और अराजकता पैदा करने की साजिश रच रही हैं, उनके मंसूबों को नाकाम करने की जरूरत है. विदेशी आक्रमणों और संघर्ष के काल में देश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक व धार्मिक व्यवस्थाओं को गहरी चोट पहुंची. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस बात को रेखांकित करना चाहती है कि जहां अनेक देश भारत की ओर सम्मान और सद्भाव रखते हैं, वहीं भारत के इस बढ़ते प्रभाव को विश्व की कुछ शक्तियां स्वीकार नहीं कर पा रही हैं. हिंदुत्व के विचार का विरोध करने वाली देश के भीतर और बाहर की अनेक शक्तियां समाज में अविश्वास, अराजकता पैदा करने के लिए नए-नए षड्यंत्र रच रही हैं. हमें इन सबके प्रति जागरूक रहते हुए उनके मंसूबों को भी विफल करना होगा.’

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