मात्र 27 वर्ष की आयु में खत्म हो गया इस चतुर गेंदबाज का करियर, पहले विराट की कप्तानी में हुआ टीम से बाहर, अब रोहित भी नहीं दे रहे मौका
भारत के हर युवा क्रिकेट का सपना होता है कि उन्हें टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिले। बहुत सारे युवा क्रिकेटरों को इसमें सफलता भी मिली है, लेकिन उनमे से बहुत कम ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने भारत के लिए लंबे समय तक खेला है। कुछ क्रिकेटर तो ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने अच्छी प्रदर्शन की है, लेकिन फिर भी उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका मिलना लगभग बंद हो गया है।
जब कोई खिलाड़ी भारत के लिए अच्छी प्रदर्शन करता हैं और अचानक उन्हें मौका मिलना बंद हो जाता है, उसके बाद उन्हें बहुत ज्यादा दुख होता है। आज हम टीम इंडिया के चतुर गेंदबाज कुलदीप यादव के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने भारत के लिए हमेशा अच्छी गेंदबाजी की है, लेकिन फिर भी उनका क्रिकेट करियर समाप्त होने के नजदीक पहुंचता जा रहा है। इस वजह से कुलदीप के साथ-साथ उनके चाहने वाले भी बहुत दुखी होंगे।
कुलदीप यादव को नहीं मिल रही प्लेइंग इलेवन में जगह
कुलदीप यादव के क्रिकेट करियर पर ध्यान दिया जाए तो उन्होंने तीनो फॉर्मेट में शानदार गेंदबाजी की है। जब भी कुलदीप और चहल एक साथ गेंदबाजी करते थे तो उस दौरान भारत भी अच्छी प्रदर्शन करने में सफल होते थे। क्योंकि ये दोनों खिलाड़ी बीच के ओवरों में भारत को विकेट चटकाकर देते थे, लेकिन फिर एक समय ऐसा आया जब कुलदीप को टीम में मौका मिलना बंद हो गया।
अब जब भी कुलदीप यादव को टीम में जगह दी जाती है तो उन्हें अधिकतर बेंच पर ही बैठा देखा जाता है। इससे साफ़ हो रहा है कि अब कुलदीप का करियर समाप्त होने की तरफ अग्रसर हो चुका है। आपको बता दें कि विराट की कप्तानी में कुलदीप को टीम में जगह मिलना बंद हो गया था। उसके बाद जब टीम इंडिया का अगला कप्तान रोहित शर्मा को बनाया गया, फिर उम्मीद जगी थी कि कुलदीप को खेलने का मौका मिलेगा। लेकिन वैसा कुछ भी नहीं हुआ और उन्हें अभी भी बेंच पर ही बैठा हुआ देखा जाता है।
कुलदीप यादव का क्रिकेट करियर
कुलदीप यादव भारत के लिए 7 टेस्ट मैचों की 12 पारियों में 23.85 की बेहतरीन औसत के साथ 26 विकेट झटके हैं। इसके अलावे उन्होंने 66 वनडे मैचों की 64 पारियों में 28.29 की औसत से 109 विकेट झटकने में कामयाब रहे हैं। वहीं कुलदीप 24 टी-20 मैचों में 14.76 की जबरदस्त औसत के साथ 41 विकेट चटका चुके हैं, लेकिन फिर भी उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दिया जा रहा है।