एमएस धोनी और ऋषभ पंत की वजह से इस खिलाड़ी का करियर हुआ खत्म, फिर क्रिकेट छोड़कर बन गया वकील, अब खुद किया खुलासा

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में पूरी दुनिया जानती है, क्योंकि उन्होंने अपनी अगुवाई में टीम इंडिया को आईसीसी के सभी ट्रॉफी जीत दिलाने में सफल रहे हैं। धोनी भारत के लिए लंबे समय तक कप्तानी की है और उस दौरान उनकी वजह से कई खिलाड़ियों का करियर बना है।

महेंद्र सिंह धोनी और ऋषभ पंत

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भले ही कुछ खिलाड़ियों का करियर बढ़िया रहा है, लेकिन उनकी वजह से बहुत सारे खिलाड़ियों को टीम में मौका तक नहीं मिला। जब धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया, उसके बाद उनकी जगह पंत ने संभालना शुरू कर दिया। इस वजह से कई विकेटकीपर बल्लेबाजों ने टीम इंडिया में जगह मिलने की उम्मीद छोड़ दी है।

धोनी-पंत की वजह से इस खिलाड़ी ने छोड़ा क्रिकेट

महेंद्र सिंह धोनी जब एक बार टीम इंडिया में आए, उसके बाद वो कभी बाहर नहीं हुए। इस वजह से अन्य विकेटकीपर को मौका मिलना पूरी तरह से बंद हो गया। ऐसा ही हाल उत्तर प्रदेश के एक खिलाड़ी के साथ हुआ और उसे अंत में क्रिकेट छोड़ना पड़ा। हम जिस खिलाड़ी के बारे में बात करने जा रहे हैं उसका नाम एकलव्य द्विवेदी है।

एकलव्य द्विवेदी घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे, इस वजह से बहुत सारे लोग सोच रहे थे कि महेंद्र सिंह धोनी के बाद उन्हें टीम इंडिया में मौका मिल सकता है। लेकिन भारतीय चयनकर्ताओं ने ऋषभ पंत को मौका देना शुरू कर दिया, इस वजह से एकलव्य द्विवेदी को अच्छी तरह समझ में आ गया कि उन्हें भारतीय टीम में मौका नहीं मिलने वाला है।

क्रिकेट छोड़कर बना वकील

एकलव्य द्विवेदी आईपीएल में पुणे वारियर्स, चेन्नई सुपर किंग्स, गुजरात लायंस और सनराइजर्स हैदराबाद टीम का हिस्सा रह चुके हैं, लेकिन उस दौरान उन्हें सिर्फ चार मैच खेलने का मौका मिला। उसके बाद एकलव्य ने अपना पेशा बदलने के मन बनाया और वकील बनने का फैसला किया। इसके बारे में मीडिया से बात करते हुए एकलव्य ने कहा कि “यह अपने आप में एक कहानी है। मैंने कुछ समय के लिए क्रिकेट खेला और इसके बारे में आप अच्छी तरह जानते हैं। मेरे पास कानून की पारिवारिक पृष्ठभूमि है।”

एकलव्य द्विवेदी आगे बात करते हुए कहा कि “मैंने क्रिकेट इसलिए खेलना शुरू किया, क्योंकि मैं देश के लिए खेलना चाहता था। लेकिन जब मुझे लगा कि यह मौका हाथ से निकल रहा है, उस समय मेरी आयु 30 वर्ष थी और महेंद्र सिंह धोनी खेल रहे थे। इसके अलावा ऋषभ पंत भी लोगों की नजर में आ रहे थे। इस वजह से से मैंने वकील बनने का फैसला किया।”

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