बैंक में FD करने से होते हैं ये 7 बड़े नुकसान, फिक्स्ड डिपॉजिट करने से पहले जान लें ये बात, वरना बाद में होगा पछतावा

Disadvantages of Investing Money in Bank FD: जब इंसान पैसा कमाता है तो उसकी बचत के लिए भी साधन ढूंढ लेता है। बहुत से लोग एफडी में पैसा निवेश करते हैं लेकिन ऐसा करने से पहले उसका नुकसान नहीं पता चलते हैं। बैंक एफडी में पैसा निवेश करने से पहले इसके 9 मुख्य नुकसानों को जानना बहुत जरूरी होता है क्योंकि ये ये नुकसान आपकी निवेश की वापसी, ब्याज, और सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। इस टॉपिक पर अच्छी तरह से सोचकर फैसला करने से आपको बेहतर निवेश अनुभव मिलेगा।

एफडी निवेश का एक प्रमुख विकल्प है, लेकिन इसमें कुछ नुकसान भी हैं जो निवेशक को जानने चाहिए। चलिए आपको बैंक में एफडी निवेश के नुकसानों के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में जानकर आपको सतर्क हो जाना चाहिए

बैंक में निवेश करने के अहम नुकसान (Disadvantages of Investing Money in Bank FD)

भारत में निवेश के लिए बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) सबसे लोकप्रिय है। मई 2022 से एफडी के ब्याज दरों में वृद्धि ने इसे और भी आकर्षक बना दिया है। यह निवेश विकल्प न केवल वेतनभोगी और वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, बल्कि मिलेनियल्स भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। एफडी में निवेश करने के कई फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। आज हम आपको एफडी में निवेश के 9 नुकसान के बारे में बताने वाले हैं।

1. कम रिटर्न: फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने का नुकसान यह है कि इसमें ब्याज की एक निश्चित दर होती है, जो अन्य निवेश विकल्पों के रिटर्न से कम होती है।”

2. निश्चित ब्याज दर: फिक्स्ड डिपॉजिट का एक और दोष यह है कि आपको आवेदन के समय निश्चित ब्याज दर पर फिक्स्ड रहना पड़ता है। यानी, जब आप एक एफडी खोलते हैं, तो आपको उसी ब्याज दर पर ब्याज मिलता रहता है आवधि के अंत तक।

3. लॉक-इन-पीरियड: एक बार जब आप एफडी में निवेश करते हैं, तो आपका पैसा निवेश की अवधि के लिए लॉक हो जाता है। इसका मतलब है कि आप अपने पैसे का उपयोग तब तक नहीं कर सकते जब तक कि अवधि समाप्त न हो जाए, भले ही आपके पास आपात स्थिति हो।

4. TDS: एफडी पर आप जो ब्याज कमाते हैं, वह टैक्सेबल इनकम होती है। इसका मतलब है कि आपको अर्जित ब्याज पर टैक्स देना होगा। एफडी का ब्याज ‘Income from Other Sources’ की श्रेणी में आता है।

5. महंगाई: टैक्स के बाद भी, निवेश का रिटर्न महंगाई की दर से अधिक होना चाहिए। एफडी के ब्याज अक्सर महंगाई की दर से कम होता है। अगर एफडी में निवेश से महंगाई को कम नहीं किया जा सकता है, तो उसमें निवेश करना समय के साथ आपके पैसे का मूल्य कम कर सकता है।

6. बैंक बंद होने का डर: एफडी को सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन बैंक के दिवालिया होने का खतरा हमेशा बना रहता है। यदि ऐसा होता है, तो आप अपने निवेश का पूरा या कुछ हिस्सा खो सकते हैं।

7. प्रीमैच्योर विड्रॉल पर जुर्माना: बैंक जमाकर्ताओं को अपनी एफडी से पहले मात्रा में पैसे निकालने का विकल्प मिलता है, लेकिन इसके लिए शुल्क देना पड़ता है।

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