Income Tax Calculation: नौकरी करने वालों की सबसे बड़ी चिंता ये रहती है कि उन्हें कितना टैक्स देना है। अगर आपकी भी नौकरी है और आपकी टैक्स देने वाली सैलरी है तो टैक्स की गणना आसानी की जा सकती है। जब आप अपनी सैलरी प्राप्त करते हैं तो इनकम टैक्स भरना ही होता है। इनकम टैक्स बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आयकर विभाग टैक्स की देनदारी कितनी बन रही है ये आपको आना चाहिए।
इनकम टैक्स कैलकुलेशन जब आपको आ जाएगा तो फिर आप उसके अनुसार सेविंग भी कर सकते हैं। हम आपको स्टेप टू स्टेप ऐसा प्रोसेस बताएंगे जिससे आप इनकम टैक्स कैलुकेशन कर सकते हैं। इसको अपनाकर आप आसानी से टैक्स की गणना खुद ही कर सकते हैं। चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
इनकम टैक्स कैलकुलेशन कैसे करते हैं? (Income Tax Calculation)
सैलरी का कैलकुलेशन करने से इनकम टैक्स आराम से जाता है और आपके टैक्स की भी सेविंग हो सकती है। इसे अगर आप खुद से करना सीख गए तो किसी से परामर्श लेने की जरूरत नहीं है। इसके अनुसार आप टैक्स सेविंग की प्लानिंग भी आसानी से कर पाएंगे।
ग्रॉस सैलरी का पता लगाएं
अपनी इनकम टैक्स देनदारी को जानने के लिए, आपको अपनी ग्रॉस सैलरी को जानना जरूरी होगा। इसमें आपकी मूल वेतन, भत्ते, बोनस, और कर योग्य अन्य आय शामिल होती है। ग्रॉस सैलरी को जानकर आप अपनी टैक्स देनदारी को सही तरीके से गणना कर सकते हैं।
टैक्स की पहचान करें
अपनी सैलरी से मिलने वाली टैक्स छूट की पहचान करने के लिए, आपको अपनी सैलरी के कुछ हिस्सों पर आयकर छूट की जांच करनी होगी। इन छूटों में मकान किराया भत्ता (एचआरए), अवकाश यात्रा भत्ता (एलटीए) और मानक कटौती शामिल हो सकती हैं। आपको इन छूटों को अपनी सैलरी से घटाने के बाद अपना कर योग्य वेतन पता करना होगा।
डिडक्शन की गणना करें
आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं, जैसे कि धारा 80सी (भविष्य निधि, पीपीएफ, या जीवन बीमा में निवेश के लिए), धारा 80डी (स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए) और धारा 24बी (गृह ऋण ब्याज के लिए) के तहत उपलब्ध कटौतियों का पता लगाना आवश्यक है। इन कटौतियों को अपने कर वेतन से घटाकर आप अपनी टैक्सेबल इनकम को निर्धारित कर सकते हैं। छूट और कटौतियों की गणना करने के बाद, आप अपनी कर योग्य आय को जान पाएंगे।
स्लैब और छूट
अपनी टैक्सेबल इनकम के आधार पर हर कर स्लैब के लिए कर की गणना करें। फिर इनकम टैक्स की गणना करें। इसके बाद, आपको मिलने वाली कर छूट का कैलकुलेशन करें। छूट के बाद बची इनकम को टैक्स योग्य माना जाएगा, जिस पर आपको टैक्स चुकाना होगा।
इनकम टैक्स की विभाग से लें ये सुविधा
इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर जाकर आपको टैक्स कैलकुलेटर के उपयोग करने का तरीका मिल सकता है।इसका उपयोग करके आप अपनी सैलरी के अनुसार टैक्स की गणना कर सकते हैं।