कप्तानी पर छलक उठा Virat Kohli का दर्द, गिनाई अपनी खूबियां, फिर भी कहलाते है असफल कप्तान

भारतीय टीम के सबसे सफलतम कप्तानों में गिने जाने वाले Virat Kohli ने अपनी कप्तानी के दौरान भारतीय टीम को बुलंदियों की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी कप्तानी के दौरान भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को उन्हीं की धरती पर धूल चटाने में कामयाब रही। बतौर कप्तान विराट कोहली काफी सफल साबित हुए, लेकिन फिर भी उनकी कप्तानी के दौरान टीम को ट्रॉफी नहीं मिल सकी। जिसके चलते आलोचक उनकी टीम और कप्तानी के ऊपर कई सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं। पिछले साल से विराट कोहली टीम की कप्तानी छोड़ अब सिर्फ बतौर बल्लेबाज खेलते नजर आ रहे हैं।

कप्तानी पर छलक उठा Virat Kohli का दर्द, गिनाई अपनी खूबियां, फिर भी कहलाते है असफल कप्तान

शनिवार को आरसीबी पोडकास्ट में विराट ने अपनी कप्तानी और आईसीसी ट्रॉफी को लेकर उठाए गए कई सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

विराट कोहली ने पोडकास्ट मे बताया कि, आलोचकों और फैंस के लिए तो किसी एक निश्चित वर्ग द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान आईसीसी टूर्नामेंट ना जीत पाने वाले कप्तान को फेल कप्तान माना जाता है। भारत को कोहली अपनी कप्तानी के दौरान 2017 चैंपियंस ट्रॉफी, 2020 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल, और 2019 विश्व कप सेमीफाइनल तक पहुंचाने में कामयाब रहे। हालांकि भारतीय टीम नॉकआउट मुकाबले नहीं जीत सकी, जिसके चलते उसे बाहर होना पड़ा। आरसीबी पोडकास्ट में विराट कोहली ने अपनी राय रखते हुए बताया, उन्होंने कभी अपने आप को इस नजरिए से देखा ही नहीं, बल्कि इसके अतिरिक्त कल्चरल परिवर्तन लाने के लिए वह अपने किए गए कार्यों पर गर्व महसूस करते हैं।

विराट कोहली ने बताया कि “आप टूर्नामेंट जीतने के लिए खेलते हैं मैं चैंपियंस ट्रॉफी 2017, 2019 वर्ल्ड कप, वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप और T20 वर्ल्ड कप 2021 में कप्तानी कर चुका हूं। इसके साथ साथ 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भी हम पहुंचे। वहीं 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल और टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक 4 आईसीसी टूर्नामेंट के बाद मुझे फेल कप्तान बताया जा रहा है। लेकिन कभी मैंने अपने आपको उस नजरिए से नहीं देखा है। बतौर टीम हम क्या हासिल कर सके, जो यह कल्चरल परिवर्तन हुआ वह मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है एक टूर्नामेंट तो बस कुछ ही समय के लिए चलता है, लेकिन यह कल्चरल परिवर्तन लंबे समय के लिए चलता है। बतौर खिलाड़ी मैं वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रहा और खिलाड़ी के रूप में मैंने चैंपियंस ट्रॉफी हासिल की। मैं एक ऐसी टीम का हिस्सा रहा, जो 5 बार टेस्ट गदा जीतने में कामयाब रही। अगर आप इस बात पर गौर करें तो कई ऐसे लोग सामने आएंगे, जिन्होंने कभी भी वर्ल्ड कप तक नहीं जीता।”

इसी के साथ-साथ जब उनसे आईसीसी ट्रॉफी जीतने पर सवाल उठाए गए, तो उन्होंने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे यह दिग्गज खिलाड़ी कई वर्ल्ड कप खेलने के बाद अपने आखिरी वर्ल्ड कप में ट्रॉफी जीत सका। उनका तो यह सिर्फ पहला ही वर्ल्ड कप रहा।

विराट कोहली ने आगे बताया कि “मैं बहुत अधिक भाग्यशाली था कि मैं एक ऐसी टीम का हिस्सा बन सका, जिसके चलते मेरा चयन हुआ। वह मेरे लिए काफी बेहतरीन था, क्योंकि मैंने उस समय बहुत अधिक रन बनाए और आखिरी में मुझे टीम में जगह भी मिल गई। मैंने कभी भी इस बात की कल्पना तक नहीं की थी, लेकिन होनी ऐसे ही होती है। लेकिन अगर मैं गलत साबित हूं तो फिर सचिन तेंदुलकर अपना छठा वर्ल्ड कप खेल रहे थे। और यही वह वर्ल्ड कप था जो सचिन ने जीता, लेकिन मैंने तो सिर्फ पहली बार ही खेला था और मैं वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बन गया।”

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