इस भारतीय खिलाड़ी ने जिम्बाब्वे को टेस्ट क्रिकेट से करवा दिया था बाहर, 6 सालों तक भुगतना पड़ा सजा
भारत और जिम्बाब्वे के बीच आज हरारे स्पोर्ट्स क्लब में तीन मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला खेला जा रहा है। 2016 के बाद अब जाकर जिम्बाब्वे में टीम इंडिया वनडे सीरीज खेलने गयी है। 2016 में जो वनडे सीरीज खेली गयी थी, उसमें टीम इंडिया ने क्लीन स्वीप किया था।

ये तो रही वनडे की बात, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत र जिम्बाब्वे के बीच काफी समय से टेस्ट सीरीज भी नहीं खेली गयी है। दोनों टीमों के बीच आखरी टेस्ट सीरीज साल 2005 में खेली गयी थी। इस सीरीज में इरफान पठान ने कमाल की गेंदबाजी की थी। इस मैच के बाद जिम्बाब्वे को टेस्ट खेलने का दर्जा अगले 6 सालों तक के लिये गंवाना पड़ा था।
आईसीसी की वजह से मुश्किल में फंसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड, हो सकता है करोड़ों का नुकसान
सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में इरफान पठान ने जिम्बाब्वे के 12 विकेट चटकाये थे। इनके सामने जिम्बाब्वे का बड़े से बड़ा बल्लेबाज भी नहीं टिक पाया था। मैच की बात करें तो टीम इंडिया के तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीत कर मेजबान टीम को पहले बल्लेबाजी के लिये बुलाया।
दूसरे टेस्ट की पहली पारी में इरफान पठान ने जिम्बाब्वे के 7 विकेट चटकाये, जबकि महज 59 रन जिम्बाब्वे के खाते में जाने दिये। पहली पारी में जिम्बाब्वे ने 161 रन बनाये। भारत के बल्लेबाजों ने इरफान पठान की गेंदबाजी का सम्मान करते हुए 366 का स्कोर खड़ा किया। दूसरी पारी में फिर इरफान पठान उसी लय में नजर आये।
इस बार उन्होंने सिर्फ 67 रन देकर 5 विकेट चटकाये और जिम्बाब्वे की पूरी टीम 223 के स्कोर पर ढेर हो गयी। इस तरह दूसरे टेस्ट में इरफान पठान की खतरनाक गेंदबाजी की बदौलत उन्होंने 12 विकेट चटकाये, जबकि पूरी सीरीज में उनके खाते में 21 विकेट दर्ज हुए। इस टेस्ट के बाद जिम्बाब्वे ने अलगे 6 सालों के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा खो दिया।
इस युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ने मचाई तबाही, मात्र 39 गेंदों में ठोका शतक, पंत-सैमसन की बढ़ा दी टेंशन