जिस खिलाड़ी ने 20 गेंदों में ठोके 67 रन, अब उसकी हालत हुई खराब, ई-रिक्शा चलाने पर हुआ मजबूर, जानें वजह
हमारे देश भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है। कई बार तो ऐसे उदाहरण सामने आते हैं, जिनकी प्रतिभा के सामने उनकी शारीरिक दुर्दशा भी कोई रोड़ा नहीं डाल सकती। उत्तर प्रदेश के एक क्रिकेटर ने भी ऐसा कुछ ठाना था। गाजियाबाद का ये क्रिकेटर व्हील चेयर पर बैठे बैठे बल्ले से ऐसे शॉट्स मारता था, जिसे दर्शक देखते ही रह जाते थे, लेकिन राजा बाबू नाम की किस्मत इन दिनों इनका साथ नहीं दे रहा।

दिव्यांग क्रिकेट सर्किट का ये खिलाड़ी ऑइन दिनों ई-रिक्शा चला कर अपना पेट पालने पर मजबूर है। ये ई-रिक्शा भी इन्हें इनके खेल की वजह से मिला ता। राजा बाबू के शानदार प्रदर्शन से खुश होकर एक स्थानीय व्यापारी ने उन्हें ई-रिक्शा भेंट किया था। एक ट्रेन हादसे में अपना पैर गंवा चुके राजा बाबू की कहानी काफी भावुक करने वाली है। कोई नौकरी न मिल पाने के कारण आज राजा बाबू को दिन के 10 घंटे ई-रिक्शा चला कर ढाई सौ से तीन सौ रूपये मिल पाते हैं, जिससे किसी तरह उनके घर का खर्चा चलता है।
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आज कल के महंगाई के जमाने में कमा कर घर चलाना और बच्चों की पढ़ाई अच्छे खासे नौकरीपेशा लोगों तक के पसीने छुटा देता है। ऐसे में एक दिव्यंग के लिये ई-रिक्शा चला कर रूपये कमाना कितना मुश्किल होता होगा, इसका आप और हम सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं।
राजा बाबू ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं, जिस वजह से उन्हें कोई अच्छी नौकरी नहीं मिली। ट्रेन हादसे के बाद भी राजा बाबू ने आस नहीं छोड़ी और क्रिकेट खेलने का सपना पूरा करने की दिशा में बढ़ते रहे। साल 2017 में आयोजित हुई दिव्यांगों की नेशनल लेवल के एक क्रिकेट मैच ‘हौसलों की उड़ान’ में राजा बाबू लोगों की नजरों में आये।
वह मुकाबला दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच खेला गया था, जिसमें राजा बाबू ने सिर्फ 20 गेंदों में 67 रन बना डाले थे। उनकी इस पारी की बदौलत वो मैच उत्तर प्रदेश ने जीता था। उनके टैलेंट को देखते हुए उसी साल राजा बाबू को आईपीएल की तर्ज़ पर एक T20 टूर्नामेंट में मुंबई की टीम का कप्तान बनाया गया था।
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