पोछा लगाकर घर का कर्जा चुकाया! पिता घर-घर पहुंचाते हैं सिलेंडर, रिंकू की कहानी सुनकर हो जाएंगे भावुक।

आप को बता दें कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से आने वाले रिंकू सिंह ने अपनी जीवन में कई आर्थिक उतार-चढ़ाव देखे हैं। आईपीएल स्टार बनने तक उनका सफर आसान नहीं रहा है। रिंकू सिंह 5 भाई बहनों में तीसरे नंबर पर हैं। उनके पिता गैस सिलिंडर डिलीवरी का काम करते थे। जबकि एक भाई ऑटो चलाते हैं।

12 अक्टूबर 1997 को यूपी के अलीगढ़ में जन्मे रिंकू सिंह के क्रिकेटर बनने के सपने आर्थिक बोझ के तले दबने लगे थे। आर्थिक तंगी के चलते एक समय रिंकू सिंह ने नौकरी का फैसला किया था, तो उन्हें कम पढ़ाई लिखाई के चलते झाड़ू-पोछा लगाने का काम मिला था।

झाड़ू-पोछा रिंकू सिंह को रास नहीं आया और वह नौकरी छोड़कर क्रिकेट में करियर बनाने चल दिए। क्रिकेट खेलने पर रिंकू के पिता उनकी पिटाई करते थे। लेकिन दिल्ली में खेले गए एक टूर्नामेंट में उन्हें मैन ऑफ द सीरीज में बाइक मिली थी। इसके बाद से पिता ने उन्हें पीटना बंद कर दिया था।

रिंकू की मेहनत रंग लाई जब साल 2014 में उन्हें उत्तर प्रदेश की ओर से लिस्ट-ए और टी20 क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला। फिर इसके दो साल बाद रिंकू सिंह ने पंजाब के खिलाफ मुकाबले से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा। रिंकू सिंह ने अब तक 30 फर्स्ट क्लास मैचों में 5 शतक और 16 अर्धशतक की मदद से 2307 रन बनाए हैं।

आईपीएल 2017 की नीलामी से पहले रिंकू को किंग्स इलेवन पंजाब ने 10 लाख रुपए में खरीदा था। उस सीजन उन्हें एक ही मुकाबला खेलने को मिला। 2018 के सीजन से रिंकू सिंह कोलकाता नाइट राइडर्स से जुड़े हुए हैं। आईपीएल 2022 की नीलामी में रिकू सिंह को केकेआर ने 55 लाख रुपए में खरीदा था।

2019 में रिंकू सिंह पर एक बार BCCI ने तीन महीने का बैन भी लगाया था। दरअसल, उस दौरान रिंकू सिंह ने BCCI की अनुमति के बिना ही अबु धाबी क्रिकेट के रमजान टी20 कप में हिस्सा लिया था। तब नाराज भारतीय बोर्ड ने नियम के तहत कार्रवाई की थी।

रिंकू सिंह को मौजूदा आईपीएल सीजन में कोलकाता टीम के लिए सिर्फ 7 ही मैच में खेलने का मौका मिला है। इसमें उन्होंने 174 रन बनाए। रिंकू सिंह टीम में सबसे ज्यादा रन के मामले में 5वें नंबर पर हैं। इस सीजन में उन्होंने 7 छक्के जमाए हैं।

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