स्टेशन पर करते थे कुली का काम, उसी स्टेशन के Wifi से पढ़कर पास की IAS की परीक्षा, पेश की कामयाबी की नई मिसाल
देश में गरीबी का आलम ये है कि लोग गुजारा करने के लिए बहुत बार गुलामों की जिंदगी जीते हैं। ऐसे ही एक गरीब लड़का रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करता था। दूसरों का बोझ उठाकर वो अपने लिए दो वक्त की रोटी जुटा लेता था। पर उसकी आंखों में बड़े सपने पल रहे थे।
वो भी दूसरों को देख सोचता था कि शूट-बूट पहनकर किसी दिन अफसर बने। पर उसके पास न घर था, न किताबें, नोट्स और कोचिंग जैसी सुविधाएं लेकिन गरीबी और लाचारी में भी उसने हौसला बनाए रखा। वो रेलवे का फ्री वाई-फाई इस्तेमाल करके पढ़ाई करने लगा। कड़ी मेहनत वाले काम के साथ वो पढ़ाई भी करता रहा और यूपीएससी के एग्जाम को पास कर गया। IAS सक्सेज स्टोरी में हम आपको केरल के कुली के संघर्ष की कहानी सुना रहे हैं जिसने आईएएस अफसर बनकर सबको चौंका दिया था।
हर साल लाखों बच्चे यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग में लाखों रुपये खर्च करते हैं। पर ये कहानी है एक छोटे से फोन से रेलवे का फ्री वाई-फाई इस्तेमाल कर पढ़ाई करने वाले केरले के एक कुली की।
केरल से ताल्लुक रखने श्रीनाथ वाले एक बेहद गरीब परिवार से थे। जैसे वे बढ़े हुए उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई कर ली। उसके बाद श्रीनाथ ने एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सामान ढोने वाले कुली का काम करना शुरू कर दिया।
पर इस श्रीनाथ के पास ऐसा कोई संसाधन नही था। फिर भी वो देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा में शामिल होने वाली सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर गए।
उनके पास पढ़ाई करने के लिए भी वक्त नहीं था। वो कोचिंग नहीं ले सकते थे क्योंकि उन पर अपना घर चलाने का दबाव था। ऐसे में उन्होंने रेलवे स्टेशन पर अपने फोन से पढ़ाई करना शुरू कर दिया।
श्रीनाथ अपने फोन पर नोट्स बनाते और काम के दौरान ऑडियो बुक्स और डिजिटल कोर्सेज सुनकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते थे। रेलवे का फ्री वाई-फाई ही उनका एकमात्र सहारा था।श्रीनाथ बताते हैं कि, जैसे ही उन्हें कुली के काम से फुर्सत मिलती थी वो स्टेशन पर पढ़ने बैठ जाते। मैं स्टेशन पर इस्तेमाल होने वाले फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल करके लेक्चर के वीडियोज और ऑडियोज डाउनलोड कर लेता था और पढ़ाई करता था।
मैं दूसरों का समाना उठाते-उठाते लेक्चर और डिजिटल कोर्सेज सुनता रहता था। ऐसे मेरी पढ़ाई होती थी। इसके पहले वो दो बार एग्जाम दे चुके थे लेकिन सफलता नहीं मिली थी लेकिन उन्होंने हिम्म्त नहीं छोड़ी आखिरकार मेहनत रंग लाई। रेलवे स्टेशन पर दूसरों का बोझ ढोने वाले इस कुली के संघर्ष और काबिलियत को लोगों ने सैल्यूट किया। दूसरे स्टूडेंट्स के लिए ये एक बहुत बड़ा सबक और सीख है।
फिर वो दिन भी आया जब श्रीनाथ ने साल 2018 में KPSC एग्जाम क्लीयर कर हर किसी को हैरान किया है। पेशे से कुली श्रीकांत ने ये परीक्षा बिना किसी कोचिंग और नोट्स के पास की। उन्होंने तीसरी बार में ये परीक्षा पास क