Interesting Facts: क्या आप जानते है ताश में 52 पत्ते ही क्यों होते है कम या ज्यादा क्यों नहीं?
Interesting Facts: ताश के पत्तों का उपयोग जुआ खेलने के लिए किया जाता है, जबकि ताश के पत्ते अपने आप में ही एक क्लास रूम हैं। ताश में 52 पत्ते ही क्यों होते है? इसका उत्तर कुछ इस प्रकार की गणनाओं पर आधारित है, ये एक ताश की हाथ की सफाई वाली किताब में ताश के इतिहास विषय में लिखा था। इसके आधार पर हम आपको यहां जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
इस वजह से होते हैं ताश में 52 पत्ते (Interesting Facts)
1 वर्ष मे 52 सप्ताह होते हैं और 4 ऋतुएं होती हैं।प्रत्येक ऋतु के 3 माह माने जाते हैं।
इसी आधार पर ताश के 52 पत्ते 52 सप्ताह का प्रतिनिधित्व करते हैं।
3 बड़े कार्ड Jack Queen King=3 3 माह हर ऋतु के
4 सूट्स: चिड़ी (), ईंट (
), पान (
) और हुकुम (
) = 4 ऋतु (गर्मी, पतझड़, वसंत, सर्दी)
प्रत्येक सूट में 13 कार्ड्स = हिंदू पंचांग के अनुसार 13वां दिन त्रयोदशी का होता है ये दिन देवाधिदेव भगवान शिव को समर्पित है। इसी दिन महाशिवरात्रि भी होती है।प्रदोष का व्रत भी इस दिन रखा जाता है।
गड्डी में 52 कार्ड = साल में 52 सप्ताह (364/7)
जब हम गड्डी के प्रत्येक कार्ड पर अंकित चिह्नों का योग करते हैं तो हमें 364 का आंकड़ा प्राप्त होता है।
परंतु जब हम इनके साथ जोकर के 1.25 के मान को जोड़ते हैं तो हमें सभी चिह्नों का योग 365.25 के बराबर मिलता है। जो वास्तव में हमारे कैलेंडर में एक वर्ष के दिनों की संख्या होती है।
इतना ही नहीं, इसमें एक से दस तक के कार्डों पर अंकित नंबर भी किसी ना किसी संकेत का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसकी सूची निम्नवत है:
पत्तो का अर्थ (Interesting Facts)
1. एक्का – मनुष्य का विवेक
2. दुग्गी – पृथवी और आकाश
3. तिग्गी – ब्रह्मा, विष्णु और महेश
4. चौक्का – चार वेद (सामवेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद)
5. पंजा – पंच प्राण (प्राण, अपान, व्यान, उदान और समान)
6. छक्का • षडरिपू (काम, क्रोध, मद, मोह, मत्सर – और लोभ)
7. सत्ता – • सात सागर ( आर्कटिक, उत्तरी अटलांटिक, दक्षिण अटलांटिक, उत्तरी प्रशांत, दक्षिणी प्रशांत, दक्षिणी महासागर और हिन्द महासागर)
8. आठ – आठ सिद्धी (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति सिद्धि, प्राकाम्य, ईशिता और वशिता )
9. नहला • नौ ग्रह (बुध – Mercury, शुक्र- Venus, पृथवी – Earth, मंगल- Mars, वृहस्पति – Jupiter, शनि – Saturn, यूरेनस – Uranus, नेप्च्यून – Naptune और प्लूटो – Pluto)
10. दहला – दस इन्द्रियाँ (रूप, शब्द, गंध, स्पर्श, रस, हाथ, पैर, वाणी, मल विसर्जन और प्रजनन)
11. गुलाम – मन की वासना
12. रानी – माया
13. राजा – सबका शासक