दारा सिंह 500 से ज्यादा मुकाबले लड़े पर एक भी मैच नहीं हारे, रामायण में हनुमान बनकर मिली पहचान
आज दारासिंह की 10वीं पुण्यतिथि है। दारासिंह ने 500 से ज्यादा रेसलिंग मैच खेले और अपने जीवन में एक भी मैच नहीं हारा। उन्होंने 1952 में अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। दारा सिंह राज्यसभा में चुने जाने वाले पहले स्पोर्ट्समैन रहे हैं। उन्होंने 10 बार वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप जीती है। साथ ही उन्हें 1996 में हाल ऑफ फेम और 2018 में WWE हॉल ऑफ फेम की ख्याति भी मिली है। 1954 में उन्हें रुस्तम ए हिंद और 1966 में रुस्तम ए पंजाब की ख्याति से भी नवाजा जा चुका है। रामानंद सागर के सीरियल रामायण और फिल्म बजरंगबली में दारासिंह ने हनुमान का रोल कर सभी का दिल जीत लिया था। तो चलिए आज द ग्रेट दारा सिंह के जीवन के दिलचस्प पहलुओं पर नजर डालते हैं।
दारा सिंह का जन्म 19 जुलाई 1928 को एक जाट फैमिली में हुआ था। उनके पिता सूरत सिंह रंधावा और मां बलवंत कौर पंजाब में रहते थे। दारा सिंह का जब जन्म हुआ था उस समय भारत में ब्रिटिशर्स की हुकूमत थी। इन्हीं सब के बीच दारा पले बढ़े।
19 साल की उम्र में सिंगापुर गए
दारा सिंह के करियर की शुरुआत सिंगापुर से हुई। वो 19 साल की उम्र में ही सिंगापुर चले गए थे। वो वहां ड्रम मैन्युफैक्चरिंग मिल में काम करने लगे थे। यहीं से उन्होंने ग्रेट वर्ल्ड स्टेडियम के कोच हरनाम सिंह को गुरु मानकर रेसलिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी थी। कद-काठी में दारा सिंह काफी अच्छे हुआ करते थे। ऐसे में उन्हें उनके गुरु ने पहलवानी करने के लिए बढ़ावा दिया। दारा ने भी गुरु की बात मानी और पहलवानी की ट्रेनिंग लेने लगे।
कई धाकड़ पहलवानों को चटाई धूल
कुछ साल चली ट्रेनिंग के बाद रेसलर दारा सिंह ने प्रोफेशनल रेसलिंग शुरू कर दी। सन् 1959 में वो सबसे पहले ‘कॉमनवेल्थ चैंपियन’ बने। इसके बाद उन्होंने ‘बिल वर्ना’, ‘फ़िरपो जबिस्जको’, ‘जॉन दा सिल्वा’, ‘रिकिडोजन’, ‘डैनी लिंच’ और ‘स्की हाय ली’ जैसे धाकड़ पहलवानों को धूल चटाकर दुनिया भर में भारतीय पहलवानी का डंका बजाया।
फिल्म संगदिल से की फिल्मी करियर की शुरुआत
दारा सिंह ने बॉलीवुड में 1952 में आई फिल्म संगदिल से कदम रखा था। इस फिल्म में लीड एक्टर दिलीप कुमार और एक्ट्रेस मधुबाला थीं। कुछ सालों तक दारा फिल्मों में स्टंट एक्टर के रोल प्ले करते रहे। 1962 में दारा लीड एक्टर के तौर पर बाबूभाई मिस्त्री की फिल्म किंग कॉन्ग से आए। ये फिल्म हिट रही लेकिन फिल्म को बी ग्रेट का सर्टिफिकेट मिला।
मुमताज के साथ 16 फिल्मों में किया काम
दारा सिंह ने किंग कॉन्ग के बाद मुमताज के साथ लगभग 16 फिल्मों में काम किया है। ये फिल्में बी ग्रेड हुआ करती थीं और हर फिल्म के लिए दारा सिंह को 4 लाख रुपए मिलते थे।
हनुमान के रोल ने दिलाई पहचान
दारा सिंह को आम लोगों के बीच पहचान तब मिली जब उन्होंने 1980 में रामानंद सागर के सीरियल रामायण में हनुमान का रोल निभाया। इस सीरियल से दारा को घर-घर में पहचाना जाने लगा। इसके अलावा 1976 में आई फिल्म बजरंगबली में भी उन्होंने हनुमान का रोल प्ले किया था। इस सीरियल के बाद दारासिंह कई माइथोलॉजिकल फिल्मों में नजर आए।
500 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
दारा सिंह ने फौलाद, मेरा नाम जोकर, धर्मात्मा, राम भरोसे, मर्द सहित लगभग 500 फिल्मों में काम किया है। बॉलीवुड के अलावा दारासिंह ने पंजाबी फिल्मों में भी काम किया। इसके अलावा उन्होंने फिल्में डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी की हैं।
राज्यसभा में चुने जाने वाले पहले रेसलर
दारा सिंह ऐसे पहले खिलाड़ी हैं जिन्हें राज्यसभा में सांसद के पद पर चुना गया है। 1998 में उन्होंने बीजेपी पार्टी ज्वाइन की थी। इसके बाद 2003 में उन्हें राज्यसभा सांसद के पद पर चुना गया। 2003 से 2009 तक दारा सिंह राज्यसभा सांसद रहे हैं।
ब्रेन डैमेज का पता चलते ही हॉस्पिटल छोड़ घर आए
दारा सिंह को 7 जुलाई 2012 को हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। एडमिट होने के दो दिन बाद इलाज के दौरान दारा को पता चला कि उन्हें ब्रैन डैमेज हो गया है। ये पता चलते ही दारा सिंह 11 जुलाई को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो गए। उनका कहना था कि “लंबी उम्र के लिए कुछ नहीं किया जा सकता”। इसके अगले ही दिन 12 जुलाई 2012 को दारा सिंह की मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्कार मुंबई के जुहू में किया गया था।