आईपीएल के बीच रवीश कुमार ने भारतीय क्रिकेटर्स पर लगाया आरोप, कहा – भारत के खिलाड़ी तो इंवर्टर और बैटरी के विज्ञापन में लगे होते
भारतीय क्रिकेट टीम के बहुत सारे खिलाड़ी इन दिनों आईपीएल खेल रहे हैं, जिसमे कई क्रिकेटरों का प्रदर्शन शानदार रहा है। इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सीजन में भारत के अलावा दुनिया के कई अन्य देशों के खिलाड़ी भी खेल रहे हैं, जिसमे श्रीलंका के भी कुछ क्रिकेटर्स शामिल है।

इन दिनों श्रीलंका की स्थिति कुछ अच्छी नहीं है, जिस वजह से उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए श्रीलंकन क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा ने महिंदा राजपक्षे को जमकर लताड़ा है, इस वजह से इन दिनों कुमार संगकारा की खूब प्रशंसा हो रही है। लेकिन इसी बीच एक भारतीय पत्रकार ने इंडियन खिलाड़ियों को ही निशाने पर ले लिया।
कुमार संगकारा ने राजपक्षे को लताड़ा
आपको बता दें कि महिंदा राजपक्षे ने हाल ही में श्रीलंका के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उसके बाद उन्होंने एक ट्विट किया, जिसमे राजपक्षे ने अपने देश के नागरिकों को शांति और संयम बरतने को कहा। उसके बाद श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार संगकारा ने महिंदा राजपक्षे को निशाने पर ले लिया और उसकी ट्विट को रिप्लाई करते हुए लिखा कि “सिर्फ आपके समर्थकों, गुंडों और ठगों ने हिंसा को अंजाम दिया था, जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला करने से पहले आपके दफ्तर में आए थे।”
श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को कुमार संगकारा के अलावा कई क्रिकेटरों ने लताड़ा है, जिसमे महेला जयवर्धने तथा अर्जुन राणातुंगा भी शामिल है। वहीं वर्तमान टीम के क्रिकेटर निरोशन डिकवेला तथा युवा लेग स्पिनर वानिंदु हसरंगा ने भी महिंदा राजपक्षे को लेकर खुलकर अपनी बात रखी है। लेकिन अब रवीश कुमार ने भारतीय खिलाड़ियों का विरोध करना शुरू कर दिया है।
रवीश कुमार ने भारतीय खिलाड़ियों पर साधा निशाना

जैसे ही श्रीलंका के खिलाड़ियों ने महिंदा राजपक्षे को लताड़ा, उसके बाद भारतीय पत्रकार रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पर एक लंबा का पोस्ट शेयर किया। उस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि “श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ी जनता के साथ खड़े हैं। सरकार की आलोचना कर रहे हैं कि वह भाड़े के गुंडे भेज कर आम जनता पर हमले करवा रही है। भारत के खिलाड़ी होते तो इंवर्टर और बैटरी के विज्ञापन में लगे होते। सरकार से मार खाने के बाद जनता भी चुप रहने वाले इन क्रिकेटरों पर दिला लुटाती रहती। समय सबका साक्षी है।”