अडानी ग्रुप की कर्ज घटाने की नई रणनीति

24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट जारी होने के बाद अदानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई। विवादों में फंसा अदानी ग्रुप अब इस संकट से बाहर आने की रणनीति पर काम करने लगा है।अडानी ग्रुप अगले तीन से चार साल में अपने भारी भरकम कर्ज को चुकाने की योजना तैयार कर रहा है। अडानी समूह का लक्ष्य इस अवधि के दौरान 23 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदानी समूह ने इस अवधि के दौरान पोर्ट-टू-एयरपोर्ट और ऊर्जा क्षेत्र के व्यवसायों में लगभग 20 प्रतिशत आय वृद्धि का अनुमान लगाया है।
अडानी समूह के नीति निर्माता पिछले तीन हफ्तों से सिंगापुर से लेकर अमेरिका तक रोड शो कर रहे हैं, बैंक अधिकारियों, बांडधारकों, विश्लेषकों और निवेशकों से मिल रहे हैं। रोड-शो के दौरान बैठकों का उद्देश्य हिंडनबर्ग जांच रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान की मरम्मत करना था। अदाणी समूह अब अपने ऊर्जा कारोबार में दक्षता बढ़ाते हुए तेज गति से विस्तार करने के बजाय कर्ज घटाने पर ध्यान दे रहा है। जानकारों के मुताबिक, अगर अडानी समूह की कंपनियों में कर पूर्व आय 20 फीसदी की दर से बढ़ती है तो यह कर्ज राहत में काफी मददगार साबित होगी।
जानकारों के मुताबिक, अदानी ग्रुप का रेवेन्यू बढ़ने के बाद कर्ज का अनुपात अपने आप कम हो जाएगा और कंपनी अच्छी स्थिति में आ जाएगी। अदानी समूह की वर्तमान कर पूर्व आय रु. 61,200 करोड़। इसके विपरीत, कंपनी रुपये पर। 1.89 लाख करोड़ का शुद्ध कर्ज अदानी (ADANI) समूह ने अब तक 500 मिलियन डॉलर का कर्ज चुकाया है। कंपनी का लक्ष्य अगले तीन से चार साल में अपना ज्यादातर कर्ज चुकाना है।
अडानी समूह द्वारा समय-समय पर साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, समूह के कुल 23 अरब डॉलर के कर्ज का 37 प्रतिशत बांड के रूप में है। 31 फीसदी कर्ज सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का है। कंपनी का आठ फीसदी कर्ज निजी बैंकों का है।